Report: मानसून की मेहरबानी से खेती में उछाल, खरीफ फसलों की बुवाई में हुई 11.3 प्रतिशत की वृद्धि
byDK-
बैंक ऑफ बड़ौदा की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण खरीफ फसलों की कुल बुवाई क्षेत्र में 11.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुख्य रूप से चावल के बुवाई क्षेत्र में 47.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं दालों में 37.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 30 जून 2025 तक कुल संचयी बारिश 180 मिमी है। यह पिछले साल की 147 मिमि और इस अवधि के लिए सामान्य वर्षा 165 मिमि दोनों से ज्यादा है।
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : संवाद
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इस साल अच्छे दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण खरीफ फसलों की कुल बुवाई क्षेत्र में 11.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार 27 जून तक खरीफ फसलों की कुल बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई और 30 जून तक दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 9 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।
चावल और दालों में हुई वृद्धि इसमें कहा गया कि मुख्य रूप से चावल के बुवाई क्षेत्र में 47.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं दालों में 37.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दालों में खासतौर पर उड़द और मूंग की फसल में बढ़ोतरी दर्ज की गई। सोयाबीन और मूंगफली की अगुआई में तिलहन की फसल में भी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके विपरीत कपास की बुआई में 8.9 प्रतिशत और जूट में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।
उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों में हुई अधिक बारिश क्षेत्रीय स्तर पर 36 उप-विभागों में से 19 (देश का 49 प्रतिशत) में समान्य से अधिक वर्षा हुई है। उत्तर पश्चिमी (42 प्रतिशत) और मध्य (25 प्रतिशत) क्षेत्रों में समान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इसमें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों के कुछ हिस्सों जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में सामान्य वर्षा हुई है। हालांकि, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में कम बारिश दर्ज की गई, उसके बाद दक्षिणई प्रायद्वीप का स्थान रहा। पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में बिहार, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड और मेघालय जैसे राज्यों में कम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी कम बारिश दर्ज की गई है।
30 जून 2025 तक 180 मिमी बारिश हुई भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) को जुलाई 2025 में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। यह एलपीए से 106 प्रतिशत अधिक है। 30 जून 2025 तक कुल संचयी बारिश 180 मिमी है। यह पिछले साल की 147 मिमि और इस अवधि के लिए सामान्य वर्षा 165 मिमि दोनों से ज्यादा है।
जलाशयों के भंडराण स्तर भी बढ़ा पूरे भारत में जलाशयों का भंडारण स्तर भी पिछले साल की तुलना में बढ़ा है। 26 जून, 2025 तक 161 जलाशयों का भंडारण स्तर कुल क्षमता का 36 प्रतिशत है। यह पिछले साल 20 प्रतिशत था। वहीं दक्षिणी क्षेत्र में जलाशय का स्तर सबसे अधिक 45 प्रतिशत है, इसके बाद पश्चिमी 39 प्रतिशत, पूर्वी 31 प्रतिशत, उत्तरी 30 प्रतिशत और मध्य क्षेत्र में 29 प्रतिशत है।